प्रिय मित्रों आपके जीवन मे रोज़मर्रा की जिंदगी में जो भी आप action या reaction करते हैं वो विलकुल परिष्कृत होना चाहिए ,यहाँ परिष्कृत से मेरा मतलब आर या पार से है ,मतलब यह की जब आप किसी की बात का उत्तर दें तो वह या तो हाँ (yes ) में या फिर ना (no ) मे देवे,ये कभी न कहें की देखता हूँ या सोचता हूँ ,यदि आप ऐसा करते हैं तो आप सामने वाले को यह महसूस कराते हैं की आप कन्फ्युज या कमजोर हैं I
जब भी कोई कार्य करें तो उसे या तो complete कर दें या यदि उस समय वह कार्य किसी अन्य कारण से पूरा नहीं हो सकता तो कम से कम उसे उसके अगले पड़ाव तक तो पहुंचा ही दें ताकि next time जब भी वह कार्य किया जाय तो एक मुकम्मल कारण और तरीके से किया जा सके I
आपका प्रत्येक moment,action ,reaction ,विचार ,यहाँ तक की आपका उठना बैठना ,बोलना भी परिष्कृत होना चाहिए,मैं तो ये कहूँ की बिलकुल उच्च दर्जे का होना चाहिए ,
सदैव इस बात का ध्यान रखें जो भी कार्य आपको करना हो उसे शुरू करने से पहले उसकी योजना (ब्लूएप्रिंट) तैयार कीजिये ,
"किसी बड़े महापुरुष ने कहा था यदि मोटे से मोटे पेड़ को काटना हो तो पहले अपनी कुल्हाड़ी पर धार रेज़ लगाएँ अर्थात जितना समय पेड़ को काटने मे लगना है उससे दोगुना समय कुल्हाड़ी की धार लगाने मे लगाएँ "
अर्थात ,
कार्य से अधिक महत्वपूर्ण उस कार्य की योजना है ,उस कार्य को करने के तरीके का निर्णय लेना है ,निर्णय यदि साफ और सटीक है तो योजना भी accurate होगी और फिर कार्य तो अपने आप ही जबर्दस्त हो जाएगा I
by
Mrityunjay sharma
Amazzzzing
ReplyDeletethanks
DeleteInteresting ....
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