कभी कभी हमारे जीवन मे घटित होने वाली घटनाएँ हमारी सोच और समझ के परे होती हैं अब ऐसे मे जब हम उन परिस्थितियों मे अपने वर्तमान को झूलते हुए देखते हैं तो लगता है जैसे की हम असहाय और निरुत्तर हैं ,परंतु ऐसा प्रकट होना एक भ्रम है ,एक बात ध्यान रखें जो परिणाम वर्तमान मे दिखाई या मिलते हैं उनका कारण भूतकाल मे उपस्थित होता है यहाँ एक बात मैं और जोड़ना चाहूँगा की सिर्फ कारण ही नहीं वर्तमान की परिस्थिति से निकलने का मार्ग भी होता है ,
यहीं पर हमारा हौसला ,धैर्य और विवेक कार्य करता है जो व्यक्ति उन कारणों के खोज मे निकलता है वो उस कारण जिससे वह वर्तमान मे परेशान है और वर्तमान की परेशानी से निकलने का मार्ग खोज लेता है और मार्ग मिला तो परेशानी भी खत्म हो जाती है ,
ऐसे मे हमे दो बातों का विशेष ध्यान देना है :
1. वर्तमान मे हम ऐसा कोई कार्य न करे जिससे की भविष्य मे परेशानी का सामना करना पड़े
2. यदि आप अभी परेशान हैं तो अपने धैर्य और विवेक का प्रयोग करें ,क्योंकि समय कैसा भी हो अच्छा या बुरा
उसे तो बीत ही जाना है
एक बात याद रखिए आपके प्रत्येक परिणाम का अंत सिर्फ मृत्यु ही है ,मृत्यु से बढ़कर कोई परिणाम नहीं ,जन्म से मृत्यु का सफर तय करना है ,फैसला आपका है हंस कर या रो कर ,
यकीन मानिए बुरी से बुरी स्थिति मे भी हंसा जा सकता है सिर्फ फैसला लेने का हौसला चाहिए ,किसी भी समय जीवन का नया अध्याय शुरू किया जा सकता है ,कभी भी सब कुछ त्यागा जा सकता है और नयी चीजें पायी जा सकती हैं ,
इसलिए मेरे भाइयों ,मित्रों इस बात का क्या दुख की
ये खो गया : अरे वो मेरा था ही नहीं तो खो गया तो क्या
ये नहीं मिला : अरे वो मेरा है ही नहीं तो नहीं मिला
उसने मुझे सम्मान नहीं दिया : उसकी मर्जी नहीं दिया तो नहीं दिया ,तो क्या
वो मेरे से मिलने नहीं आया : नहीं आया उसकी मर्जी ,तो क्या
वो मेरे से नहीं बोलता : न बोले उसकी मर्जी ,जाने दो
यहाँ सिर्फ मैं आप लोगों से ये कहना चाहता हूँ की यदि हम सिर्फ अपनी मस्ती मे मस्त रहें तो क्या कोई दुख हो सकता है ,मेरे ख्याल से तो नहीं ,
अपनी मस्ती मे मस्त रहिए, जीवन का मजा लीजिये ,जीवन जीने के लिए है परेशानी सहने और tension लेने के लिए नहीं ,
याद रखिए
इस संसार मे आप लाखों की भीड़ मे अकेले हैं ,
आपके बदले कोई मुस्कुरा नहीं सकता,
आपके बदले कोई हंस नहीं सकता ,
आपके बदले कोई और भोजन नहीं कर सकता ,
आपके बदले कोई और टहल नहीं सकता ,
आपके बदले कोई और बोल नहीं सकता ,
आपके बदले कोई और चुप नहीं रह सकता ,
आपके बदले कोई और सुन नहीं सकता ,
आपके बदले कोई और सूंघ नहीं सकता ,
आपके बदले किसी और की मृत्यु नहीं सकती ,
जब आपके बदले मे कोई और कुछ नहीं कर सकता , तो अपनी मस्ती मे मस्त रहिए न और जितनी घड़ियाँ जीवन की मिली है मस्ती मे बिताईए न ,
क्या फर्क पड़ता है की आप बिल्डिंग नहीं बना पाये,
क्या फर्क पड़ता है की आप किसी फ़ैक्टरि के मालिक नहीं बन पाये ,
क्या फर्क पड़ता है की आपके पास महंगी कार नहीं है,
क्या फर्क पड़ता है की आपका लड़का डॉक्टर नहीं बन पाया ,
क्या फर्क पड़ता है की आपकी लड़की की शादी आपके मन चाही जगह नहीं हुई,जहां भी हुई, वही उसकी सही
जगह थी,जो विधाता ने निश्चित किया था ,
क्या फर्क पड़ता है की आपका लड़का डॉक्टर नहीं बन पाया , इत्यादि
अरे भाई मेरे,ये सब सोचना छोड़ कर अपनी मस्ती मे मस्त रहो न ,आपकी सारी परेशानियों का सिर्फ यही एक सामाधान है ,
धन्यवाद
by
Mrityunjay sharma
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