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निराश मन को कैसे जीतें



प्रिय मित्रों निराश होना हमारे जीवन के लिए अभिशाप है ,आज मै इसी टॉपिक पर बात करने जा रहा हूँ ,आखिर निराशा होती क्या है ,ये हमारे मन मशतिष्क मे प्रवेश कैसे करती है? और इससे उबरने के उपाय क्या हैं ,
सबसे पहले
निराशा होती क्या है :
मेरी समझ मे निराशा हमारे मन और दिमाग की वह स्थिति है जब वह शून्य हो जाता है अर्थात हमारे दिमाग के पास कुछ भी नया सृजन करने या उसके बारे मे सोचने के लिए कुछ नहीं होता ,यदि कुछ होता भी है तो वह हमारे दिमाग को लगता है की यह मेरे से नहीं हो पाएगा ,बस यही वह स्थिति है जब हम निराश हो जाते हैं ,उस समय हमे अपने आगे कोई रास्ता नहीं दिखता ,जीवन बेकार सा लगने लगता है ,सारे आस पास के लोग या तो हमारे दुश्मन लागने लगते हैं या फिर निरर्थक लगने लगते हैं और व्यक्ति यह सोचसोच कर परेशान होता रहता है की क्या करूँ ,कैसे करूँ,मैं नहीं कर पाऊँगा ,मैं बेकार हूँ ,मेरा जीवन बेकार है ,मेरे से कुछ भी नहीं होता ,इत्यादि I

निराशा हमारे मन मशतिष्क मे प्रवेश कैसे करती है ?
1.Overthinking  : आप किसी भी अपने कार्य को करने की योजना ,उसके परिणामो,उसको करने के तरीकों को लेकर बार बार विचार करते हैं और सिर्फ सोचते रहते हैं अर्थात English मे कहूँ तो overthinking करते हैं और करते कुछ नहीं , केवल सोचते हैं तब यह निराशा आपके मन मे जगह बना लेती है 1

2॰ Comparision : प्रत्येक समय अपनी तुलना दूसरों से करते रहना भी निराशा का एक मुख्य कारण है ,जैसे उसके  पास बहुत पैसा है ,आज से 5 वर्ष पहले उसके पास कुछ नहीं था आज उसके पास गाड़ी ,बंगला सब कुछ है ,वो किस्मत का धनी है मेरी तो किस्मत ही खराब है ,मेरे भाग्य मे अमीर होना लिखा ही नहीं है इत्यादि I

3॰ हर बात को लेकर बैठ जाना : किसी ने आपके बारे मे कुछ नेगेटिव बोल दिया तो आपने सुना और आप उसकी बात को लेकर बैठ गए ,घर,परिवार ,दोस्त ,साथ मे कार्य करने वाले  किसी ने अच्छा बोला तब भी ये सोचना की उसने मुझे इतना अच्छा क्यों बोला जरूर कोई बात है ,और यदि बुरा बोला तो मैं हु ही बेकार तो बोलेगा ही ऐसा सोचना भी निराशा का मुख्य कारण है, इत्यादि I

4॰ रोज एक ही काम करना : अपने कार्य के तरीकों मे कोई बदलाव न करना अर्थात प्रतिदिन एक ही प्रकार का काम करकर के बोर हो जाना भी निराशा का मुख्य कारण है I

5॰ प्रत्येक व्यक्ति मे बुराई खोजना : जब आप अपने आपको बहुत अच्छा और superior मानने लगते हैं , ये तब होता है जब आप दूसरों मे हर समय बुराई खोजते हैं और हर तीसरे के साथ दूसरों की बुराई करते रहते हैं, negativity या निराशा का एक यह मुख्य कारण है I

निराशा से उबरने के उपाय:
1. Stop overthinking : निराशा से उबरने के मुख्य उपायों मे सबसे पहला और मुख्य उपाय यह है की किसी भी कार्य की योजना या उसके बारे मे सोचना कम करके उस कार्य का निर्णय लेने और तुरंत झटके से उसे करने पर विश्वास करें और मैं तो यह कहूँगा की कार्य करते हुये सोचते रहें ,कार्य को प्रारम्भ करना ही सबसे बढ़ा काम है आपको निराशा से बाहर आने के लिए ,एक बार आपने कार्य शुरू कर दिया तो उसे तब तक करें जब तक की वह पूरा न हो जाये I

2॰Stop  camparision : अपनी तुलना दूसरों से करना बंद कर दें ,आप ईश्वर की सम्पूर्ण रचना हैं,आपको ईश्वर ने unique बनाया है ,बस अपने अंदर positivity को बनाएँ रखें ,अपना रास्ता खुद चुने और अकेले चलने का प्रयास करें ,कुछ शब्दों को रोज बोलने का प्रयास करें जैसे यह जीवन बहुत खूबसूरत है ,यह दुनिया बहुत अच्छी है,मैं बहुत खुश हूँ ,फिर देखिये आपके अंदर सकारात्मकता की ऊर्जा संचार होना शुरू हो जाएगा और आप positivity से हर समय भरे रहेंगे I

3॰ हर बात को लेकर न बैठे ,किसने क्या बोला ,क्यों बोला ,किस लिए बोला यह सब सोचने के बजाए अपने काम पर ध्यान दें और उसके बारे मे सोचें I

4. रोज अपने काम करने के तरीके मे सुधारात्मक बदलाव करें ,फिर आपका बोर होना बंद हो जाएगा I

5. हर व्यक्ति मे बुराई खोजने के बजाय अपने अंदर की कमियों को ढूँढे और उनको दूर करने का प्रयास करें I

इन उपायों के करने से आपको निराशा कभी नहीं आएगी, आप सदा उत्साहित रहेंगे और दूसरों को भी उत्साहित करेंगे ,इसलिए मित्रों सदा positive रहिए ,खुश रहिए I

By
Mrityunjay sharma





  

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