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दोस्त कौन ?


 आज का मेरा topic बहुत ही sensetive (संवेदनशील) है ,आपसे निवेदन है की थोड़ा ध्यान और थोड़ा समय देकर पढ़िएगा ,आज जब पूरी दुनिया virtual (आभासी ) दोस्त , आभासी रीस्ते बनाने मे लगी ,जिसका उनके जीवन पर प्रभाव भी  बहुत पड़ रहा है आभासी दोस्त से मेरा मतलब social sites (Facebbok,whatsapp ,twitter ,etc. ) के फ़्रेंड्स से है ,आज के हमारे समाज मे एक व्यक्ति के सारे social sites के friends की गिनती की जाय तो कम से कम हजारों नाम गिन लिए जाएँगे लेकिन यदि उस व्यक्ति से ये पूछा जाय की आपका अपना जिगरी दोस्त कौन है तो सायद वह एक नाम भी बहुत मुश्किल से ले पाएगा ,99% लोगों का तो कोई जिगरी real friend है ही नहीं जिससे वे अपने दिल की बात कर सकें ,

मेरे भाइयों यदि लोगों का कोई जिगरी दोस्त ,कोई राजदार हो जाये तो आत्म हत्याओं की गिनती कम हो जाय ,ऐसा राजदार जो यह कह सके की रुक अभी मत कूद मैं आता हूँ दोनों साथ मे कूदेंगे ,नहीं तो मेरा तेरे से झगड़ा हो जाएगा ,मरने के बाद मैं तुझे नहीं छोडुंगा I  

मेरे भाइयों जीवन मे आप कुछ पाएँ या न पाएँ पर अपने से जुड़े लोगों का ख्याल जरूर रखिए और यदि हो सके तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने से जोड़ने का प्रयास कीजिये ,याद रखिए हम भावनात्मक प्राणी हैं ,अपने आप को पत्थर न बनाएँ ,अपनी मासूमियत बनाए रखिए ,अपने जीवन मे मिलने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान कीजिये और उसे अपना बनाने का प्रयास कीजिये ,क्योंकि कब, कौन ,कहाँ ,किस रूप मे ,किस तरह से मदद करेगा ,ये आप भी नहीं जानते ,इसलिए दोस्त बनाइये Iधन्यवाद ,

by

Mrityunjay sharma


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