मौत ने ज़िदगी को कब समय दिया है ,मेरे भाइयों जिस वक्त तक हम जीवन की समस्याओं से लड़ते रहते हैं तब मौत हम से दूर रहती है ,जिस वक्त हम हार जाते या हताश हो जाते हैं तो मौत हमारे ऊपर हावी हो जाती है ,इस बात को ऐसे भी समझ सकते हैं ,
एक सिक्का जिसमे दो पहलू एक HEAD यानि जीवन और दूसरा TAIL यानि मृत्यु जब तक आप HEAD लाते रहोगे तब तक जीवन और TAIL आना यानि मृत्यु ,
इसलिए अब से हर समय जीतना शुरू करिए ,एक बात और खेल के मैदान मे खड़ा खिलाड़ी तब तक नहीं हारा जब तक वो मैदान नहीं छोड़ा ,
इसलिए कभी अपने जीवन की लड़ाइयों को बिना जीते या खत्म किए हार न माने ,क्योंकि हार न मानना ही जीत का रास्ता खोलता है ,लड़ने के तरीकों को बदलिए ,जीत आपकी पक्की है ,तरीकों की गिनती मत कीजिये की कितने तरीके फेल हुए इस बात पर ध्यान रखिए की कौन सा तरीका आपको कहाँ तक पहुंचाता है ,
समस्याओं के आने का इंतजार मत कीजिये बल्कि भावी समस्याओं को भाँप कर उनका सामाधान की तैयारी कीजिये इसका फायदा यह होगा की जब तक वो आप से टकरायींगी तब तक आप उनसे ज्यादा मजबूत प्लानिंग के साथ खड़े होंगे और आप उनको चुटकी भर की मेहनत से खत्म कर देंगे ,इस बात का उदाहरण मैं अगर देना चाहूँ तो एक ऐसे पिता का उदाहरण देना चाहूँगा जो अपनी बेटी की शादी की तैयारी बेटी के जन्म लेते ही शुरू कर देता है ,
बस इस बात का ध्यान रखें ,की आप इस ब्रह्मांड की असीम शक्तियों के मालिक हैं ,आप का जीवन चरित्र भगवान हनुमान का प्रतीक है ,बस आपको अपने मानसिक जामवंत की बात को सुनते रहना है ताकि आपको याद आता रहे की आप परम शक्तिमान हैं । आपका यह महसूस करना की मैं असीम शक्तियों का मालिक हूँ ,आपकी जीत का केमिकल फॉर्मूला है जिसका रिज़ल्ट सिर्फ जीत है ,ये अखंड सूत्र है ,इसलिए अपने आपको हमेशा जीता हुआ महसूस करें और अपने मन मस्तिष्क मे खुशी का माहौल बनाएँ रखें ।
ये जीवन जानदार ,शानदार ,बेहतरीन है ,इससे प्रेम कीजिये और लड़ते रहिए यही जीवन है ।
धन्यवाद
by
Mrityunjay sharma
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