शिशु के टीकाकरण की जानकारी
वर्तमान समय में बढ़ता प्रदुषण हमारे साथ साथ हमारे बच्चों को भी प्रभावित
कर रहा है ऐसे में जब शिशु नवजात
हो तो ये खतरा और भी बढ़ जाता है I
इसीलिए डॉक्टर जब से बच्चा जन्म लेता है तभी से उसका टीकाकरण करना शुरू कर देते
हैं I ये टिके बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं साथ ही साथ
गंभीर बीमारियों से उनकी रक्षा भी करते हैं ,इसलिए प्रत्येक माता पिता को चाहिए की
शिशु के टीकाकरण के लिए ,डॉक्टर से संपर्क करके टीकाकरण चार्ट ले लें और समयानुसार
शिशु को टिका लगवाएं I यहाँ हम टीकाकरण का नमूना
दे रहे हैं यह प्रारूप अलग अलग देश में अलग हो सकता है :
दे रहे हैं यह प्रारूप अलग अलग देश में अलग हो सकता है :
1.जन्म के समय
- B.C.G.
- हेपेटाइटिस बी - प्रथम खुराक
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन – प्रथम खुराक
2. 06 सप्ताह
- D.P.T. – प्रथम खुराक
- पोलियो का टिका- प्रथम खुराक (IPV1)
- हेपेटाइटिस बी का टीका- दूसरी खुराक
- हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी (HIB) – प्रथम खुराक
- पोलियो का टिका- प्रथम खुराक (IPV1)
- रोटावायरस- प्रथम खुराक (मुँह में लिया जाने वाला डायरिया वैक्सीन)
- न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन- प्रथम खुराक
3. 10 सप्ताह
- D.P.T. – दूसरी खुराक
- पोलियो का टिका- दूसरी खुराक (IPV2)
- न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन- दूसरी खुराक
- हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी (HIB) – दूसरी खुराक
- रोटावायरस- दूसरी खुराक
4. 14 सप्ताह
- D.P.T. – तीसरी खुराक
- पोलियो का टिका- तीसरी खुराक (IPV3)
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन- चौथी खुराक
- हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी (HIB) – तीसरी खुराक
- न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन- तीसरी खुराक
- रोटावायरस- तीसरी खुराक
5. 6 महीने
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन – दूसरी खुराक
- हेपेटाइटिस बी का टीका – तीसरी खुराक
- इन्फ्लुएंजा I
- इन्फ्लुएंजा II
- इन्फ्लुएंजा III
6. 9 महीने
- खसरे का टीका
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन – तीसरी खुराक
7. 10-12 महीने
- टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1)- पहली खुराक
- हेपेटाइटिस A – पहली खुराक
- थोड़े समय बाद हेपेटाइटिस A – दूसरी खुराक (लेकिन बच्चें के एक साल के होने से पहले, दोनों डोज़ लग जाना चाहिए)
8. 1 वर्ष
- कॉलरा
- जापानीज इन्सेफेलाइटिस- पहली खुराक
- जापानीज इन्सेफेलाइटिस- दूसरी खुराक
- जापानीज इन्सेफेलाइटिस- तीसरी खुराक
- वेरिसेला- पहली खुराक (छोटी माता-दूसरी डोज़ तीन महीने के बाद कभी भी दिया जा सकता है)
9. 15-18 महीने
- एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) – पहली खुराक
- वेरिसेला- दूसरी खुराक
- D.P.T.- पहला बूस्टर डोज़
- हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी (HIB) – बूस्टर डोज़
- न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन- बूस्टर डोज़
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन- चौथा खुराक
- टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 2)- दूसरी खुराक
- टाइफाइड I
- टाइफाइड II
10. 2 वर्ष
- मेनिंगोकोकल
11. 5 वर्ष
- एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) – दूसरी खुराक
- D.P.T.- दूसरा बूस्टर डोज़
- मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन- पाँचवी खुराक
12. 10 वर्ष
- टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया)
Note :
- बच्चे को टिका लगने के बाद, कोई भी प्रतिक्रिया दिखायी देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- एमएमआर के vaccination से लगभग 4 से 10 दिनों के बाद, बच्चे को बुखार आ सकता है।
- डीपीटी का vaccination के बाद, बच्चे में injection वाली जगहपर लाल पन के साथ सूजन आ सकता है। कभी-कभी injection वाली जगह परगांठ बन सकती है,जिसमे कोई दर्द नहीं होता ,जो कुछ हफ़्तों के बाद अपनेआप ही ठीक हो जाती है।बुखार,दर्द से राहत के लिए डॉक्टर, बच्चे को बुखार की दवा पिलाने केलिए देते हैं।
- ये vaccine देने के बाद ऐसा नहीं की कोई बीमारी नहीं होगी I याद रखिये vaccination केवल बीमारी होने की सम्भावना को कम करते हैं।
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