जब आप अपने सारे कार्यों का श्रेय ईश्वर को देने लग जाते हैं ,तो वह कार्य भगवान् के हो जाते हैं ,और फिर उन्हें करने का मार्ग ईश्वर स्वयं आपको सुझाते जाते हैं ,और आपको पता भी नहीं चलता आपके कार्य पूरे भी होते जाते हैं ,
मित्रों एक बात जो आपको जाननी चाहिए की आत्मविश्वास की चरम सीमा (High limit ) ईश्वर पर विश्वास ही है ,आपने बहुत सी किताबों में पढ़ा और बड़े बड़े संतों के प्रवचन में ये सुना होगा की "जो होता है ईश्वर की मर्जी से होता है ,जो हुआ है ,जो होगा ,सब ईश्वर की मर्जी से ही होगा "ये जो सारी बाते हैं ,ये सब उन लोगों के मुख या लेखनी से निकली हैं जिनका आत्मविश्वास लबालब था और है ,
और एक बात इस पूरे ब्रह्माण्ड में positive energy का सबसे बड़ा और एक मात्र source ईश्वर ही हैं ,
ईश्वर पर भरोसा करके कार्य करने वाले व्यक्ति से कभी गलती हो ही नहीं सकती और यदि उससे किसी प्रकार की गलती होती भी है तो ये गलती भी एक बहुत बड़े निर्माण (creation)को जन्म देती है ,
इसलिए अपने आप पर भरोसा रखिये ,ईश्वर में आश्था एवं विश्वास रखिये ,अपनी सारी समस्यायों को भगवान् के ऊपर छोड़ कर अपने आगे के लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कीजिये ,जय श्री कृष्ण I
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Mrityunjay sharma
मित्रों एक बात जो आपको जाननी चाहिए की आत्मविश्वास की चरम सीमा (High limit ) ईश्वर पर विश्वास ही है ,आपने बहुत सी किताबों में पढ़ा और बड़े बड़े संतों के प्रवचन में ये सुना होगा की "जो होता है ईश्वर की मर्जी से होता है ,जो हुआ है ,जो होगा ,सब ईश्वर की मर्जी से ही होगा "ये जो सारी बाते हैं ,ये सब उन लोगों के मुख या लेखनी से निकली हैं जिनका आत्मविश्वास लबालब था और है ,
और एक बात इस पूरे ब्रह्माण्ड में positive energy का सबसे बड़ा और एक मात्र source ईश्वर ही हैं ,
ईश्वर पर भरोसा करके कार्य करने वाले व्यक्ति से कभी गलती हो ही नहीं सकती और यदि उससे किसी प्रकार की गलती होती भी है तो ये गलती भी एक बहुत बड़े निर्माण (creation)को जन्म देती है ,
इसलिए अपने आप पर भरोसा रखिये ,ईश्वर में आश्था एवं विश्वास रखिये ,अपनी सारी समस्यायों को भगवान् के ऊपर छोड़ कर अपने आगे के लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कीजिये ,जय श्री कृष्ण I
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