Translate

Sabko Sabkuchh nahi milta

सबको सबकुछ नहीं मिलता


क्या आपने कभी सोचा है की इस सृष्टी में भगवान् ने सबको सबकुछ क्यों नहीं दिया ,किसी को विवेक / बुद्धि अच्छा दिया तो धन नहीं ; किसी को धन,विवेक दोनों अच्छा दिया तो उसे विकलांग ही बना दिया , आप भी अपने आस पास देखते होंगे की जो बहुत ज्यादा responsible , liable होते हैं उन्हें बड़ी  जिम्मेदारी तो मिलती है लेकिन उस जिम्मेदारी के अनुसार मेहनताना नहीं मिलता  या ये कहूँ की परिणाम उनके अपेक्षा के अनुसार नहीं मिलता,जो बहुत धनवान हैं उन्हें गन्दी आदते दे दिया है ,जो अच्छी
आदतों वाले हैं वो गरीब हैं ,
मित्रों ये ब्रह्माण्ड संतुलित है ,यही reason है की समुद्र का पानी कभी बढ़ता नहीं और कम भी नहीं होता, सूर्य की क्षमता कभी कम और अधिक नहीं होती ,पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की शक्ति कभी कम और अधिक नहीं होती ,ब्रह्माण्ड की सारी चीजें संतुलित हैं
उसी प्रकार हमारा यह सांसारिक जीवन भी संतुलित है ,किसी बहुत बड़े विचारक ने कहा की ब्रह्माण्ड शुन्य है और इसका आयाम अनंत ,ठीक इसी प्रकार हमारा जीवन है ,हम पूरी life भागते दौड़ते रहते हैं दो वक्त की रोटी के लिए ,जब पेट भरने लगता है,,,,,, तो कपडा और मकान के लिए,,,,,,और अंत में हमारी मृत्यु हो जाती है ,,,,,,अर्थात एक बहुत बड़े आयाम से शुन्य में विलीन हो जाते हैं ,
क्या आपको पता है मनुष्य के जीवन में कमाया हुआ 100% धन का केवल 30% हिस्सा ही उसके निजी उपयोग में आता है बाकी 70% बैंकों में FD/RD के तौर पर fix ही रहता है ये धन आगे की पीढ़ी प्रयोग करती है ,
इसलिए मित्रों अपने जीवन में अपनी इच्छाओं को मार कर धन इकठठा जरूर करें पर सही समय पर उसका उपयोग भी करें ,क्योंकि जिन कामों को आप नहीं कर पायेंगे वो काम भी अपने परिणाम तक तो पहुंचेंगे ही ,बस अंतर ये होगा की जिन तरीको से आप उसे करना चाहते थे, वो कार्य उन तरीकों से न होकर किसी दूसरे तरीके से होंगे ,या फिर ये भी हो सकता है की और भी अच्छे से होंगे, और यदि आप उपस्थित ही नहीं हैं तो क्या फर्क पड़ता है की किस तरह से होंगे ,
इस ब्रह्माण्ड में संतुलन बना रहे इसलिए इस्वर ने पहले ही प्रत्येक प्राणी की कुछ सीमाएं बना दिया है ,इसलिए जो आपसे ख़ुशीख़ुशी हो जाए, वही करिए,,, आसक्त (tension में ) होकर करने से कोई लाभ नहीं,जो नहीं हो पा रहा उसे भगवान् के ऊपर डाल दीजिये ब्रहमांड का संतुलन बिगड़ न जाए इसलिए इस्वर ने सबको सब कुछ नहीं दिया I
आप एक साथ इंजिनियर ,डॉक्टर ,वैज्ञानिक ,विचारक ,उद्योगपति ,पहलवान ,बॉक्सर ,watchman ,Militaryman ,नेता ,एक्टर ,डायरेक्टर ,producer ,serviceman ,salesman इत्यादि सभी चीजों में से कोई एक – दो − तीन या चार चीजें बन सकते हैं ,कोई भी चार या पांच विश्लेषण आपके नाम के साथ जुड़ सकते हैं ,यदि हम ये कहें की सारे विश्लेषण प्राप्त भी कर लें तो क्या आपको किसी चीज़ की आवश्यकता नहीं रहेगी,कोई इच्छा बाकी नहीं रहेगी,,,,,,,अगर ऐसा होता की मानव की सारी इच्छाएं पूरी हो गयी रहती तो क्या  आदिमानव से मानव का सफ़र पूरा होता,,,,,,,,,,, नहीं,,,I
आपको यह समझना चाहिए की desire ,कर्म और परिणाम का सफ़र सदा चलने वाला सफ़र है ,ये ऐसी ट्रेन का सफ़र है जिसका कोई भी स्टेशन आखिरी नहीं, और प्रत्येक स्टेशन उसके सफ़र का प्रारंभ भी है I

इसलिए आज वर्तमान में आप जो भी हों उसे बहुत समझ कर ,अपना और  अपने परिवार ,समाज ,देश के उत्थान को ध्यान में रख कर अपने कर्तव्य का निर्वाह कीजिये ,किसी बात का मलाल मत कीजिये क्योंकि ये सृष्टी ने ही किसी मानव को परिपूर्ण नहीं बनाया तो आप क्या इससे बाहर हैं ,अर्थात सबको सबकुछ नहीं मिलता I     

1 comment:

  1. धन्यवाद शर्माजी ईश्वरीय कृपा आप पर बनी रहे।

    ReplyDelete